भारत में हर साल कैंसर के मामले बढ़ते जा रहे हैं। रोजमर्रा की कई ऐसी आदतें हैं जो किसी व्यक्ति को कैंसर का शिकार बना सकती हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि जो चमकीली सब्जियां आप खाते हैं, वे भी कैंसर का कारण बन सकती हैं? आइए कैंसर विशेषज्ञों से इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
आप बाजार जाते हैं और सब्जियां खरीदते हैं, आप देखते हैं कि कुछ सब्जियां चमक रही हैं? इनकी चमक देखकर लोग इन्हें खरीद भी लेते हैं, लेकिन क्या वे जानते हैं कि वो सब्जियां आपको गंभीर रूप से बीमार कर सकती हैं? ऐसा इसलिए होता है क्योंकि सब्जियों को चमकाने के लिए उन पर कृत्रिम रंग लगाए जाते हैं। सब्जियों को ताजा दिखाने के लिए उन्हें सिंथेटिक रंगों से रंगकर भी बेचा जाता है। ऐसे कई मामले सामने आए हैं जब खाद्य सुरक्षा विभाग ने सब्जी मंडी में रंग लगाकर सब्जियां बेचने वालों पर कार्रवाई की है. बता दे दोस्तों की सब्जियों को चमकाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले रंग में कई खतरनाक रसायन होते हैं जो कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं।
हमने यह पता लगाने के लिए विशेषज्ञों से बात की है कि सब्जियों में मिलाया जाने वाला रंग कैंसर का कारण कैसे बन सकता है।
सिंथेटिक रंगों में खतरनाक रसायन
कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ.अंशुमान कुमार का कहना है कि सब्जियों को चमकाने के लिए उनमें जो रंग डाला जाता है, उसमें रसायन होता है। सिंथेटिक रंगों में कैंसरकारी रसायन रोडामाइन-बी होता है। सब्जियां हों या फल, उन पर इस्तेमाल होने वाले किसी भी रंग में रसायन जरूर होता है। लाल और हरा रंग अक्सर मिश्रित होते हैं। हरे रंग के लिए ऑरामाइन रसायन और लाल रंग के लिए रोडामाइन बी का उपयोग किया जाता है।
![चमकीली सब्जियां आपको बना सकती हैं कैंसर का शिकार](https://4uhindime.com/wp-content/uploads/2024/02/25_11_2022-vegetables_23226429.webp)
ये रसायन फलों और सब्जियों का रंग इस तरह चमका देते हैं कि वे बिल्कुल ताजा दिखने लगते हैं। ऐसे में लोग इन्हें खरीद तो लेते हैं, लेकिन सब्जियों पर लगाए जाने वाले रंगों में ऐसे रसायन होते हैं जो लिवर कैंसर का कारण बन सकते हैं। इसके अलावा यह मुख्य मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को जोड़ने वाले ब्रेन स्टेम को भी नुकसान पहुंचाता है। ऐसे में जरूरी है कि आप रंग-बिरंगे फल और सब्जियां खाने से बचें।
स्ट्रीट फूड में भी रसायन
दिल्ली के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. अजय कुमार का कहना है कि रोडामाइन बी न केवल सब्जियों या फलों में मिलाया जाता है, बल्कि स्ट्रीट फूड में भी मिलाया जाता है, जैसे कि चाउमीन और चिली पोटैटो में मिलाए जाने वाले रंग, इनमें ऐसे रसायन भी होते हैं जो बीमारी का कारण बन सकते हैं। जैसे कैंसर। हाल के वर्षों में स्ट्रीट फूड खाने का चलन काफी बढ़ गया है। जो कई बीमारियों का कारण बन रहा है, स्ट्रीट फूड और रंग-बिरंगी सब्जियां कैंसर का कारण बन सकती हैं।
मिलावट की पहचान कैसे करें
डॉ. अजय कुमार कहते हैं कि आप घर पर ही बता सकते हैं कि सब्जी या फल में रंग है या नहीं। इसके लिए लिक्विड पैराफिन ले आएं. यह मेडिकल स्टोर्स पर आसानी से उपलब्ध है। – अब एक कपड़े पर लिक्विड पैराफिन लगाएं और जो भी सब्जी आप लाए हैं, उसे बाहर निकाल लें (इस सब्जी को सैंपल के तौर पर इस्तेमाल करें, बाद में न खाएं) इस सब्जी पर एक कपड़े की मदद से लिक्विड पैराफिन लगाएं. अगर सब्जी का रंग उतरकर कपड़ों पर रह जाए तो यह संकेत है कि उसमें रंग मिलाया गया है। अगर रंग नहीं गया है तो कोई मिलावट नहीं है.
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