भारत का नया घर – नए सांसद भवन पर हर सवाल का जवाब – New Parliament House of India

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भारत का नया घर यानी नया संसद भवन (New Parliament of India) बनके तैयार है. वही 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) नई संसद का उद्घाटन (Inauguration of New Parliament) किया। इन सब के बीच दोस्तों आप सभी के मन में भी बहोत से सवाल आ रहे होंगे. (New Parliament House of India) तो दोस्तों आज के इस आर्टिकल में भारत का नया घर यानी नए सांसद भवन पर आपके उन सभी सवालों का मिलेगा.

Table of Contents

Contents
संसद भवन होता क्या है?संसद भवन का इतिहास क्या है?संसद भवन कहां स्थित है?नए संसद भवन का निर्माण –नए और पुराने संसद भवन का नक्शा –भारत को नए संसद भवन की आवश्यकता क्यू पड़ी –पुराने भवन में सांसदों को बैठने के लिए जगह कम पड़ती थी –पुराने सांसद भवन में व्यथित बुनियादी ढांचा की कमी –अप्रचलित संचार संरचनाएं –सुरक्षा की चिंताएं –कर्मचारियों के लिए अपर्याप्त कार्यक्षेत्र –नए संसद भवन की खासियत क्या है?नए संसद भवन में अलग बनाए गए हैं ऑफिसनए संसद भवन का शिलान्यास –नए संसद भवन की विशेषता है?नए संसद भवन की लागत कितनी है?संसद भवन का मालिक कौन है?संसद भवन का नक्शा कहां से लिया गया है?नए संसद भवन का वास्तुकार डिजाइन किसने तैयार किया?नया संसद भवन त्रिभुजाकार क्यों है?संसद भवन किस चट्टान से बना है?नए संसद भवन का टोटल निर्मित क्षेत्र कितना है?नए संसद में कितने कमरे हैं?सेंगोल (Sengol) क्या है?भारत के पास एक शानदार संसद है –नए संसद भवन का निर्माण होने से ठीक पहले का पूरा Video –नए संसद भवन का 360° का पूरा VIDEO –

संसद भवन होता क्या है?

संसद भवन एक महत्वपूर्ण सरकारी भवन होता है जो किसी देश की लोकतांत्रिक प्रणाली में विधानसभा और विधान परिषद को मिलकर संचालित करता है। यह एक स्थायी स्थान होता है जहां संसदीय कार्यक्रम, बहस और निर्णय लिए जाते हैं। विभिन्न देशों में संसद भवन अपने आकार, स्थान और वास्तुकला में भिन्न हो सकता है।

भारत में संसद भवन, जिसे राष्ट्रीय संसद भवन के नाम से भी जाना जाता है, नई दिल्ली के संसद मार्ग पर स्थित है। यह भवन भारतीय लोकतंत्र में विधानसभा (लोक सभा) और विधान परिषद (राज्य सभा) को मिलकर संचालित करता है।

संसद भवन का इतिहास क्या है?

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Parliament House of India संसद भवन : Image Source – centralvista

संसद भवन भारतीय संसद का मुख्यालय है और यह नई दिल्ली, भारत में स्थित है। यह एक प्रमुख नगरीय इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजना है और भारतीय लोकतंत्र के एक प्रतीक के रूप में मान्यता प्राप्त है।

पुराने संसद भवन का निर्माण 1921 से 1927 तक किया गया था और इसका आधिकारिक उद्घाटन 18 जनवरी 1927 को ब्रिटिश राजदूत लॉर्ड ईरविन के द्वारा किया गया। इस भवन का निर्माण विश्व प्रसिद्ध ब्रिटिश स्थापत्यकार सर एडविन लूटयंस लूटियन्स ने किया था। संसद भवन का निर्माण कर्मचारी जीवन और दिल्ली सरकारी बंगला भवन के निर्माण के लिए भी जाना जाता है।

संसद भवन की वास्तुकला मिश्रण शैली में है और इसे दिल्ली के पुराने नगरीय शैली और मुग़ल वास्तुकला के प्रभावों से प्रभावित किया गया है। इसकी विशेषताएं मेहराब और चित्रित पत्थर स्तंभों के साथ उच्च गुमटीवाली इमारतें हैं।

संसद भवन कहां स्थित है?

संसद भवन नई दिल्ली, भारत में स्थित है। यह भवन संसद मार्ग (Sansad Marg) पर स्थित है, जो राष्ट्रपति भवन और इंडिया गेट के निकट स्थित है। यह संसद भवन राजपथ और जनपथ के आसपास स्थित है, जो दिल्ली के केंद्रीय नगर में स्थित हैं।

नए संसद भवन का निर्माण –

नए संसद भवन का निर्माण 15 जनवरी 2021 को शुरू हुआ था. जो की इसे बनाने का टेंडर टाटा प्रोजेक्ट को साल 2020 के सितंबर में दिया गया था. नए संसद भवन के आर्किटेक्ट बिमल पटेल हैं. साल 2019 में उन्हें पद्मश्री से भी नवाजा जा चुका है. वही नए संसद भवन का निर्माण (New Parliament House) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) द्वारा किया गया.

नए और पुराने संसद भवन का नक्शा –

सांसद भवन का नक्शा
सांसद भवन का नक्शा : Image Source – centralvista

विधायी एन्क्लेव की ताकत नई संसद भवन और जीर्णोद्धार भवन का उपयोग संयुक्त रूप से उन सभी सुविधाओं को रखने के लिए किया जाएगा जो आज मौजूदा संसद भवन में स्थित हैं।

भारत को नए संसद भवन की आवश्यकता क्यू पड़ी –

संसद भवन का निर्माण 1921 में शुरू किया गया था और 1927 में चालू किया गया था। यह लगभग 100 साल पुराना हो चूका था. और यह एक हेरिटेज ग्रेड- I भवन है। पिछले कुछ वर्षों में संसदीय गतिविधियों और उसमें काम करने वाले लोगों और आगंतुकों की संख्या में कई गुना वृद्धि हुई।

भवन के मूल डिजाइन का कोई रिकॉर्ड या दस्तावेज नहीं था। इसलिए, नए निर्माण और संशोधन एक तदर्थ तरीके से किए गए हैं। उदाहरण के लिए, भवन के बाहरी गोलाकार भाग के ऊपर 1956 में निर्मित दो नई मंजिलों ने सेंट्रल हॉल के गुंबद को छुपा दिया और मूल भवन के अग्रभाग को बदल दिया। इसके अलावा, जाली खिड़कियों के आवरण ने संसद के दो सदनों के हॉल में प्राकृतिक प्रकाश को कम कर दिया है।

पुराने भवन में सांसदों को बैठने के लिए जगह कम पड़ती थी –

1971 की जनगणना के आधार पर किए गए परिसीमन के आधार पर लोकसभा सीटों की संख्या 545 पर बनी हुई थी। और 2026 के बाद इसमें काफी वृद्धि होने की संभावना है क्योंकि सीटों की कुल संख्या पर रोक केवल 2026 तक है। बैठने की व्यवस्था से तंग और बोझिल भी थे, और दूसरी पंक्ति के आगे कोई डेस्क नहीं था। वही सेंट्रल हॉल में केवल 440 व्यक्तियों के बैठने की क्षमता थी। जब संयुक्त सत्र होते हैं तो सीमित सीटों की समस्या बढ़ जाती है। आवाजाही के लिए सीमित जगह होने के कारण यह एक बड़ा सुरक्षा जोखिम भी है।

पुराने सांसद भवन - Image Source - centralvista
पुराने सांसद भवन – Image Source – centralvista

पुराने सांसद भवन में व्यथित बुनियादी ढांचा की कमी –

पानी की आपूर्ति लाइनों, सीवर लाइनों, एयर कंडीशनिंग, अग्निशमन, सीसीटीवी, ऑडियो वीडियो सिस्टम जैसी सेवाओं में समय के साथ वृद्धि हुई है, जो मूल रूप से योजनाबद्ध नहीं थे, जिससे इमारत के समग्र सौंदर्यशास्त्र को नष्ट कर दिया गया है। अग्नि सुरक्षा एक प्रमुख चिंता का विषय है क्योंकि इमारत को वर्तमान अग्नि मानदंडों के अनुसार डिजाइन नहीं किया गया है। कई नए बिजली के तार लगाए गए हैं जो आग लगने का संभावित खतरा हैं।

अप्रचलित संचार संरचनाएं –

वर्तमान संसद भवन में संचार अवसंरचना और प्रौद्योगिकी पुरातन है। सभी हॉल के ध्वनिकी में बड़े सुधार की आवश्यकता है।

सुरक्षा की चिंताएं –

भवन की संरचनात्मक सुरक्षा संबंधी चिंताएँ भी थी। मौजूदा संसद भवन तब बना था जब दिल्ली सिस्मिक जोन-2 में था, फिलहाल यह सिस्मिक जोन-चार में है।

कर्मचारियों के लिए अपर्याप्त कार्यक्षेत्र –

कार्यक्षेत्रों की बढ़ती मांग के साथ, आंतरिक सेवा गलियारों को कार्यालयों में परिवर्तित कर दिया गया, जिसके परिणामस्वरूप खराब गुणवत्ता और संकीर्ण कार्यस्थान हो गए। लगातार बढ़ती हुई जगह की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए, मौजूदा कार्यक्षेत्रों के भीतर उप-विभाजन बनाए गए थे, जिससे कार्यालयों में खचाखच भरा हुआ था।

नए संसद भवन की खासियत क्या है?

पुरानी संसद का आकार गोल है, जबकि नया भारत का नए संसद भवन को तिकोने आकार में डिजाइन किया गया है. अभी लोकसभा में 590 और राज्‍यसभा में 280 लोगों की की सिटिंग कैपेसिटी है. जबकि नए संसद भवन की बात करें तो लोकसभा में 888 सीटें हैं और विजिटर्स गैलरी में 336 से ज्यादा लोगों के बैठने का इंतजाम है.

नई राज्‍यसभा में 384 सीटें हैं और विजिटर्स गैलरी में 336 से ज्‍यादा लोगों के बैठने की क्षमता है. दोनों सदनों के जॉइंट सेशन के वक्त लोकसभा में ही 1272 से ज्यादा सांसद साथ बैठ सकते हैं.

नए संसद भवन में अलग बनाए गए हैं ऑफिस

नए संसद भवन में अहम कामकाज के लिए अलग ऑफिस बनाए गए हैं, जो हाईटेक सुविधाओं से लैस हैं. कैफे, डाइनिंग एरिया, कमेटी मीटिंग के तमाम कमरों में भी हाईटेक इक्विपमेंट लगाए गए हैं. कॉमन रूम्स, महिलाओं के लिए लाउंज और VIP लाउंज की भी व्यवस्था की गई है.

नए संसद भवन का शिलान्यास –

माननीय प्रधान मंत्री, श्री नरेंद्र मोदी ने 10 दिसंबर 2020 को नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में नए संसद भवन की आधारशिला रखी, जिसमें विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं, कैबिनेट मंत्रियों और विभिन्न देशों के राजदूतों ने भी भाग लिया। प्रधान मंत्री ने भवन के लिए ग्राउंड-ब्रेकिंग समारोह भी किया, जिसके अक्टूबर 2022 तक पूरा होने की उम्मीद है ताकि संसद के शीतकालीन सत्र को पूरा किया जा सके। वही नई संसद का क्षेत्रफल 64,500 वर्ग मीटर है।

नए संसद भवन की विशेषता है?

नई इमारत, नई सुविधाओं के साथ – नए संसद भवन को तिकोने आकार में डिजाइन किया गया है. इसकी लोकसभा में 888 सीटें हैं और विजिटर्स गैलरी में 336 से ज्यादा लोगों के बैठने का इंतजाम है. नई राज्‍यसभा में 384 सीटें हैं और विजिटर्स गैलरी में 336 से ज्‍यादा लोगों के बैठने की क्षमता है.

नए संसद भवन की लागत कितनी है?

दोनों भवनों पर हुए खर्च की बात करें तो पुराने भवन को बनाने में 83 लाख रुपये लगे थे. जबकि र‍िपोर्ट्स की मानें तो संसद के नए भवन के निर्माण में लगभग 1200 करोड़ रुपये की लागत आई है.

संसद भवन का मालिक कौन है?

भारत में ब्रिटिश शासन के अंत के बाद, इसे संविधान सभा ने अपने अधिकार में लिया, और फिर 1950 में भारत का संविधान लागू होने के बाद भारतीय संसद ने इसे अपने अधिकार में ले लिया।

संसद भवन का नक्शा कहां से लिया गया है?

नया संसद भवन का नक्शा सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट से लिया गया है | इस प्रोजेक्ट का डिजाइन का खाका गुजरात में स्थित आर्किटेक्चर फर्म एचसीपी डिजाइनर किया है | नया संसद भवन का ठेका सितंबर 2020 में 861.90 करोड़ की बोली लगाकर ठेका पास किया।

नए संसद भवन का वास्तुकार डिजाइन किसने तैयार किया?

बिमल पटेल (Bimal Patel) सेंट्रल विस्टा डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के आर्किटेक्ट हैं। उनके पास दशकों का अनुभव है और वो एक कुशल वास्तुकार हैं। नए संसद भवन (New Parliament Building) का आकार त्रिकोणीय है, और यह मौजूदा संसद भवन के पास ही बना है। कहते है नए संसद भवन लगभग 150 वर्ष तक इस्तेमाल किया जा सकेगा।

नया संसद भवन त्रिभुजाकार क्यों है?

टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड के तहत बनने वाले इस संसद भवन का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया और इस नई इमारत की शैली त्रिभुजाकार होने के पीछे बताया जा रहा है कि ये वास्तु के हिसाब से तय किया गया है. त्रिभुज का हमारी संस्कृति में खासा महत्व है.

संसद भवन किस चट्टान से बना है?

पहली मंजिल पर खुला बरामदा 144 मलाईदार बलुआ पत्थर के स्तंभों के एक स्तंभ से घिरा हुआ है, प्रत्येक 27 फीट (8.23 मीटर) ऊँचा है। संपूर्ण संसद भवन एस्टेट एक सजावटी लाल बलुआ पत्थर की दीवार या लोहे के गेट के साथ लोहे की ग्रिल से घिरा हुआ है जिसे अवसर की मांग पर बंद किया जा सकता है।

नए संसद भवन का टोटल निर्मित क्षेत्र कितना है?

नए संसद भवन का निर्मित क्षेत्र लगभग 65,000 वर्ग मीटर है। इसका त्रिकोणीय आकार इष्टतम स्थान उपयोग सुनिश्चित करता है जैसा की त्रिभुजा अकार का हमारी संस्कृति में खासा महत्व होता है.

नए संसद में कितने कमरे हैं?

नई संसद में मंत्रि परिषद के लिए 92 कमरे बनाए गए हैं. वहीं, हर सांसद के लिए खुद का ऑफिस स्पेस होगा. नई संसद में पुरानी संसद से 17,000 वर्गमीटर ज्यादा बड़ी जगह है. नई लोकसभा मौजूदा पुरानी लोकसभा से तीन गुना बड़ी है.

सेंगोल (Sengol) क्या है?

सेंगोल का इतिहास अपने आप में काफी पुराना है. वैसे तो सेंगोल का संबंध भारत की आजादी से ही जुड़ा है, और यह मूल रूप से तमिलनाडु के चोल साम्राज्य से संबंधित भी है. कहते है चोल साम्राज्य में जब भी किसी राजा का राज्याभिषेक हुआ करता था, तब राज्यभिषेक के समय इसी का इस्तेमाल किया जाता था, जिसे सेंगोल कहते है. सेंगोल को सत्ता का प्रतीक भी मानते है, इसलिए जब भी एक राजा दूसरे राजा को सत्ता सौंपता था तब वे एक दुसरे को सेंगोल दिया करते थे. अगर आपको सेलोंग के बारे में और भी जानना है तो यहाँ Click करे.

भारत के पास एक शानदार संसद है –

भारतीय लोकतांत्रिक प्रणाली की शक्ति हमारी संसद में प्रकट होती है, जिसने औपनिवेशिक शासन से भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को परास्त किया और कई ऐतिहासिक मील के पत्थर देखे। मौजूदा इमारत ने स्वतंत्र भारत की पहली संसद के रूप में कार्य किया और भारत के संविधान को अपनाने का गवाह बना। इस प्रकार, संसद भवन की समृद्ध विरासत का संरक्षण और कायाकल्प करना राष्ट्रीय महत्व का विषय है।

नए संसद भवन का निर्माण होने से ठीक पहले का पूरा Video –

नए संसद भवन का 360° का पूरा VIDEO –

नया संसद भवन, लोकसभा चैंबर, राज्यसभा चैंबर का VIDEO

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4U HINDI ME Desk पर मै ज्यादा तो नहीं कहूँगा पर हाँ थोड़े अनुभवी और कुशल पत्रकार जरुर हैं जो पिछले कई सालों से ख़बरों पर काम कर रहे हैं. 4U HINDI ME की टीम में राजनीति, खेल, सिनेमा, विज्ञान, टेक्नोलॉजी और वैश्विक ख़बरों जैसे अलग-अलग विषयों पर लिखने वाले भरोसेमंद पत्रकार हैं. ये टीम अपने पाठकों के लिए न सिर्फ खबरें ब्रेक करने में आगे है, बल्कि हर खबर का विश्लेषण भी करती है. यह वेबसाइट विश्व समाचारों का ब्यापक कवरेज प्रदान करेगी. हम लोग इस प्लेटफार्म का इस्तेमाल कर लोगों के साथ जानकारी साझा करने के लिए करेंगे. हमारा मुख्य उदेश्य आपसभी को सर्बोतम जानकारी प्रदान करना है
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