खिचड़ी का नाम सुनते ही हमारे मुह में पानी आ जाती है. क्यू की ये बनता ही इतना स्वादिस्ट है. दोस्तों खिचड़ी को लेके हमारे और आपके भी मन में बहोत से सवाल आते होंगे, जैसे की आपने अपने घर या आपके आस पड़ोस के घरो में तो जरुर देखा होगा की ज्यादातर लोग शनिवर को ही खिचड़ी बनाकर खाते है. पर क्या आपने कभी ये जानने की कोशिस किया की लोग सनिवार को ही खिचड़ी क्यू खाते है.
अगर हम किसी से पूछते है तो हमें कहा जाता है की शनिवार को खिचड़ी खाने से हमारे उपर जो ग्रह होता है वो कट जाता है. आपको क्या लगता है – क्या सच में यैसा होता है. तो दोस्तों आज के इस आर्टिकल में आप लास्ट तक बने रहे. आपके मन में खिचड़ी को लेके जो भी सवाल उठ रहे होंगे. वो सब इस आर्टिकल में पूरी तरह से दूर हो जायेंगे. तो आइये सबसे पहले हम खिचड़ी का इतिहास जानते है.
खिचड़ी का इतिहास –
खिचड़ी भारतीय खाद्य पदार्थ है जो प्राचीन काल से उपलब्ध है। इसे भारतीय उपमहाद्वीप के अलावा पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, अफगानिस्तान, इरान और अरब सागर के कुछ देशों में भी खाया जाता है। खिचड़ी को प्राचीन भारतीय चिकित्सा विद्या आयुर्वेद में उपचार के रूप में भी जाना जाता है। इसे दाना-दाना भंग और हांडी पुलाव के नाम से भी जाना जाता है। खिचड़ी के विभिन्न स्वाद विकल्पों में चावल, दाल और सब्जियों का उपयोग किया जाता है।
आमतौर पर, इसे गर्म मसालों और दही या घी के साथ सर्विंग किया जाता है। खिचड़ी के लिए कुछ विभिन्न विधि हैं जिनमें उबले हुए चावल और दाल को मिलाकर बनाया जाता है। अधिकतर मांसाहारी खिचड़ी दाल और मांस के साथ बनाई जाती है। खिचड़ी एक सस्ता, स्वस्थ और पौष्टिक खाद्य पदार्थ है जो दूध, दलहनी, मक्खन और सामान्य फलों के साथ उपभोग किया जा सकता है
खिचड़ी को इंग्लिश (English) में क्या कहते हैं?
खिचड़ी तो सभी ने खाई ही होगी, आपमें से कोई ऐसा नहीं होगा, जिसनें खिचड़ी ना खाई हो।
कई बार तो मंदिरों में भी खिचड़ी का भोग लगाया जाता है और भक्तों को प्रसाद के रूप में दिया जाता है। वही अगर आपसे पूछा जाय की खिचड़ी को इंग्लिश में क्या कहते हैं? मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि इसका इंग्लिश नाम 99 प्रतिशत लोगों को नहीं पता होगा।
दिमाग हिला देने वाला है ये सवाल ये एक ऐसा सवाल है, जो शायद सभी के मन में काफी सालों से चल रहा है। तो चलिए आज आपकी इस समस्या का हल निकाल ही देते हैं और आपको बता देते हैं कि इंग्लिश में खिचड़ी को क्या कहते हैं?
दोस्तों खिचड़ी को इंग्लिश में Hotchpotch कहा जाता है। तो अब जब आपको पता चल ही गया है तो आप अपने रिश्तेदारों और परिचितों से भी इस सवाल का जवाब पूछने की कोशिश जरुर करे, और देखिए की वे क्या कहते हैं….
सबसे पहले खिचड़ी किसने बनाई थी?
खिचड़ी के निर्माण का इतिहास बहुत पुराना है और इसे कई स्थानों पर उपलब्ध माना जाता है। इसलिए इसके असली जन्मस्थान का निर्धारण करना थोड़ा मुश्किल है। भारत की पौराणिक कथाओं और ऐतिहासिक लेखों में खिचड़ी का जिक्र पाया जाता है। इसे अपनाने का पहला उल्लेख महाभारत में मिलता है, जहां भीष्म पितामह द्रोणाचार्य को खिचड़ी खिलाते थे। वेदों में भी खिचड़ी का उल्लेख होता है जिसमें इसे उपचार के लिए भी बताया गया है।
कुछ इतिहासकारों के अनुसार, खिचड़ी को पहली बार चीन में बनाया गया था और इसे कॉन्फ्यूशियस नेशन में एक प्रकार के रोटी के साथ सर्विंग किया जाता था। इसके बाद यह भारत में फैला और वहां अन्य भोजन के साथ सर्विंग किया जाने लगा। इसलिए, खिचड़ी का असली जन्मस्थान स्पष्ट नहीं है, लेकिन यह एक प्राचीन भारतीय खाद्य पदार्थ है जिसे लगभग सभी भारतीय उपमहाद्वीप के देशों में खाया जाता है।
खिचड़ी की रेसिपी –
जैसा की खिचड़ी एक भारतीय भोजन है जो कई भारतीय राज्यों में प्रसिद्ध है। इसे पहले अधिकांशत: दलित वर्ग द्वारा खाया जाता था, हालांकि अब यह अन्य वर्गों द्वारा भी खाया जाता है। खिचड़ी को सामग्री के अनुसार दो प्रकार में बनाया जाता है – एक मक्खन से बना हुआ और दूसरा चना से बना हुआ। मक्खन से बनी खिचड़ी अधिकतर तौर पर दूध, मक्खन और स्वादिष्ट मसालों के साथ बनाई जाती है, जबकि चना से बनी खिचड़ी चने की दाल, प्याज, हरी मिर्च और अन्य स्वादिष्ट मसालों के साथ बनाई जाती है। खिचड़ी को अधिकांशत: प्रकार से पकाए जाते हैं, हालांकि इसे उबले हुए भी खाया जा सकता है. इससे आपको खिचड़ी की रेसिपी तो समझ आ ही गई होगी.
खिचड़ी कितने प्रकार की होती हैं?
खिचड़ी एक ऐसा भोजन है जो अनेक प्रकार से बनाया जा सकता है। भारत के विभिन्न भागों में खिचड़ी को अलग-अलग तरीकों से बनाया जाता है जो उनके विशिष्ट स्थानीय भोजन के साथ संगत होते हैं।
कुछ प्रसिद्ध खिचड़ी के प्रकार निम्नलिखित हैं:
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मूंग दाल खिचड़ी – इसमें राजमा दाल, तुअर दाल या मूंग दाल के साथ चावल और मसाले डालकर बनाई जाती है।
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सबुदाना खिचड़ी – इसमें सबुदाना, चावल और दूध का उपयोग किया जाता है। यह व्रतों के दौरान खाया जाने वाला भोजन है।
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वेजिटेबल खिचड़ी – इसमें दाल, चावल और सब्जियों का मिश्रण होता है। इसमें आमतौर पर मटर, गाजर, फूलगोभी और बैंगन शामिल होते हैं।
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बाजरे की खिचड़ी – इसमें बाजरे के दाने और दाल का मिश्रण होता है। यह भोजन उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में खाया जाता है।
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पालक खिचड़ी – इसमें पालक, दाल और चावल होते हैं। यह भोजन बहुत स्वादिष्ट और हेल्थी होता है।
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भुना खिचड़ी – इसमें भुने हुए दाल, चावल और मसालों का मिश्रण होता है। इसे थोड़ी थोड़ी देर तक भूनकर बनाया जाता है जिससे उसमें अधिक स्वाद आता है।
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खीर की खिचड़ी – इसमें चावल और दूध का मिश्रण होता है जिसमें खीर बनाने के लिए चीनी और सूखे फल जैसे किशमिश या काजू डाले जाते हैं। यह खिचड़ी मुख्य रूप से व्रतों में खाई जाती है।
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दलिया खिचड़ी – इसमें दलिया, चावल और मसाले का मिश्रण होता है। इसे सुबह के नाश्ते के लिए खाया जाता है जो सेहतमंद और पौष्टिक होता है।
इस तरह से, खिचड़ी कई विभिन्न प्रकार से बनाई जा सकती है जो अलग-अलग स्वाद और संग्रहण विकल्पों के साथ भोजन में विस्तार और रुचि उत्पन्न करती हैं।
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शनिवार को खिचड़ी क्यों खाते हैं?
खिचड़ी यह एक सामान्य भोजन है हालांकि, कुछ लोग शनिवार को खिचड़ी खाने से अपनी शामिल रहस्यमयी धारणाओं को पूरा करने का प्रयास करते हैं, जैसे कि कुछ लोग मानते हैं कि शनिवार को खिचड़ी खाने से साधना में सफलता मिलती है या कि शनिवार को खिचड़ी खाने से स्वास्थ्य में सुधार होता है. और उनके ऊपर जो ग्रह होता है वो कट जाता है.
शास्त्रों के हिसाब से शनिवार के दिन खिचड़ी का सेवन करना शुभ माना जाता हैं. इससे शनि दोष खत्म होते हैं और कई तरह के दर्द-तकलीफों से मुक्ति मिलती है. खासतौर से उड़द दाल की खिचड़ी खाना इससे शनि दोष, साढ़ेसाती से होने वाली समस्याओं से निजात पाया जा सकता है.
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार शनिवार के दिन खिचड़ी का सेवन करना हर तरह से अच्छा होता हैं. इससे शनि दोष से तो राहत मिलती ही है साथ ही शरीर के लिए भी अच्छा होता है. अगर जातक नियमित रूप से हर शनिवार को खिचड़ी खाएं, तो शनिदेव की कृपा बनी रहती है और जिदंगी में बहुत सफलता मिलती है.
जैसे की –
1. शनिवार को खिचड़ी खाने से शनिदेव शांत रहते हैं और इससे इंसान को शुभ फल की प्राप्ति होती हैं.
2. शनिदेव जिस भी व्यक्ति से खुश होते हैं, उसकी तरक्की को कोई नहीं रोक सकता है. इसलिए शनिवार के दिन खिचड़ी का सेवन जरूर करें.
3. शनिवार के दिन अरहर नहीं बल्कि उड़द दाल वाली खिचड़ी खाना अच्छा होता हैं. इससे शनि दोष से मुक्ति मिलती है और सारी तकलीफें दूर होती हैं.
4. शनिवार के दिन खिचड़ी खाने से ग्रहों की चाल सही तरह से बनी रहती हैं इससे जीवन में उतार चढ़ाव नहीं आता.
5. शनिवार के दिन घर में खिचड़ी बनने से घर का महौल शांत रहता हैं तथा घर में सकारात्मक शक्तियों का वास होता हैं.
6. शनिवार के दिन खिचड़ी खानें से बिजनेस व्यापार में सफलता मिलती हैं.
7. इससे शनिदोष दूर होते हैं और इंसान की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
8. शनिवार के दिन खिचड़ी खानें से वैवाहिक जीवन अच्छा रहता हैं.
9. शनिवार के दिन खिचड़ी खानें से इंसान को संतान सुख की प्राप्ति होती हैं.
10. यदि जातक नियमित रूप से हर शनिवार को खिचड़ी खाएं, तो शनिदेव की कृपा प्राप्ता कर सफलता की ओर अग्रसर होता है.
खिचड़ी खाने के फायदे –
खिचड़ी एक प्रसिद्ध भोजन है जो कई प्रकार के सामग्रियों से बनाई जाती है। इसमें अधिकांशत: प्रकार से गेहूं, धानी, मूंगफली और अन्य हॉलग्राउंड स्राव जैसे सामग्रियां मिलती हैं। खिचड़ी में धानी और गेहूं जैसे सामग्रियां प्रोटीन, विटामिन सी, फैक्टोर और मिनरल जैसी मूल्यवान पदार्थों से भरपूर होती हैं। इससे खिचड़ी एक सुंदर पोषक तत्व होती है जो शरीर को प्रोटीन और विटामिन जैसी मूल्यवान पदार्थों से पूरी तरह से पोषित करती है।
इसलिए, खिचड़ी खाने से शरीर को प्रोटीन और विटामिन जैसी मूल्यवान पदार्थ से पूरी तरह से पोषित होता है। इसलिए, खिचड़ी खाने से शरीर में प्रोटीन और विटामिन जैसी मूल्यवान पदार्थों की कमी नहीं होती है। इससे शरीर स्वस्थ रहता है. और खिचड़ी खाने के फायदे यही है की हमारा शरीर स्वस्थ रहने के साथ साथ हमेशा एक सुंदर और ताजगी भरा महसूस करता है।
खिचड़ी खाने के नुकसान –
खिचड़ी खाने के नुकसान – खिचड़ी खाने से संभवतः आपका वजन भी बढ़ सकता है, जैसे कि इसमें सुगन्धित तेल और अन्य सामग्रियां शामिल होती हैं। इसलिए, यदि आप अपना वजन कम करना चाहते हैं, तो खिचड़ी खाने के साथ अपना वजन नियंत्रित रखना भी एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
साथ ही, आपको खिचड़ी खाने से पहले याद रखना चाहिए कि खिचड़ी में सुगन्धित तेल और अन्य सामग्रियां शामिल होती हैं, जो कई बार हमारी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती हैं। इसलिए, यदि आपको हैंडस्कर्चर या अन्य किसी स्थिति की समस्या है, तो आपको खिचड़ी खाने से बचना चाहिए।
हालांकि, अगर आपको खिचड़ी खाने में आनंद है और आप इसे स्वस्थ रहकर खाना चाहते हैं, तो आपको अपना वजन नियंत्रित रखना चाहिए और सुगन्धित तेल और अन्य सामग्रियां से बचने के लिए सादा खिचड़ी बनाना चाहिए। आप सादा खिचड़ी बनाने के लिए धानी और गेहूं जैसे सामग्रियां इस्तेमाल कर सकते हैं, जिसमें तेल और सुगन्धित सामग्रियां नहीं मिलतीं हैं।
आप अपनी पसंद के अनुसार सब्जियां, मटर, मूंगफली, चने, अनाज और अन्य हॉलग्राउंड स्राव जैसे सामग्रियां भी इसमें मिला सकते हैं। सादा खिचड़ी बनाने के लिए, आपको अपनी पसंद के अनुसार सामग्रियां चुनने होंगे और इन्हें सादा होने तक पकाएंगे। इससे आपका सादा खिचड़ी तैयार हो जाएगा।
खिचड़ी कौन कौन सा दिन खाना चाहिए?
खिचड़ी कौन कौन सा दिन खाना चाहिए यह आपके व्यक्तिगत आदतों और पसंदों पर निर्भर होता है। आप खिचड़ी को अपनी पसंद के अनुसार किसी भी दिन खा सकते हैं। हालांकि, ज्योतिषशास्त्र में कहा गया है कि शनिवार के दिन खिचड़ी खाने से शनि प्रसन्न होते हैं. इसी प्रकार काले चने की सब्जी खाना भी शनि को अनुकूल बनाता है. ऐसी मान्यता है कि शनिवार के दिन चावल, चिवड़ा या चने का भुजा खाना भी शनि के प्रतिकूल प्रभाव को दूर करता है.
क्या रविवार को खिचड़ी खाना चाहिए?
रविवार को खिचड़ी खाना चाहिए या नहीं, तो शास्त्रानुकूल नहीं माना गया है. खासतौर पर काली उड़द की दाल की बनी खिचड़ी को रविवार के दिन भूलकर भी नहीं खाना चाहिए. क्योंकि यह शनि से संबंधित भोजन है और ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक रविवार के दिन शनि से संबंधित चीजों का सेवन करना वर्जित माना गया है.
किस दिन क्या खाना शुभ होता है?
किस दिन क्या खाना शुभ होता है, ये भी आपके व्यक्तिगत आदतों और पसंदों पर निर्भर करता है. आप अपनी पसंद के अनुसार किसी भी दिन अपनी पसंद के खाने का निर्णय ले सकते हैं. हालांकि, कुछ लोग अपनी धारणाओं या मान्यताओं के अनुसार किसी भी दिन के विशेष खाने को शुभ मानते हैं. जैसे कि कुछ लोग मानते हैं कि शनिवार को खिचड़ी खाने से साधना में सफलता मिलती है या कि सोमवार को दाल खाने से स्वास्थ्य में सुधार होता है.
हालांकि ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार, रविवार को मसूर की दाल, अदरक या फिर कोई लाल रंग का भोज्य पदार्थ नहीं खाना चाहिए. मान्यताओं के अनुसार, रविवार को चने की दाल और मूंग की दाल खाने से शुभ फल की प्राप्ति होती है और आप स्वस्थ भी रहते हैं.