Anil Mishra Ram Mandir: अयोध्या तैयार है, वह ऐतिहासिक क्षण अभी आना बाकी है, जिसका सैकड़ों वर्षों से लोगो को इंतजार था। 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. इसके लिए अनुष्ठान शुरू हो गए हैं. मुख्य यजमान के रूप में Dr. Anil Mishra सम्पन्न करा रहे हैं। 22 जनवरी को रामलला की मूर्ति स्थापना के शुभ मुहूर्त पर होने वाले मुख्य अनुष्ठान में डॉ. अनिल मिश्रा भी अपनी पत्नी उषा मिश्रा के साथ मौजूद रहेंगे. आपको बता दे की अनिल मिश्रा मुख्य यजमान के रूप में प्रधानमंत्री मोदी के साथ अनुष्ठान पूरा करेंगे। तो आइये जानते है की आखिर कौन हैं डॉ. अनिल मिश्रा जो होंगे अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के मुख्य यजमान?
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जाने कौन हैं डॉ. अनिल मिश्रा- Ram Mandir
पेशे से होम्योपैथिक डॉक्टर अनिल मिश्रा को इसके लिए विशेष रूप से चुना गया है. वह एक समर्पित आरएसएस कार्यकर्ता हैं। सेवा और समर्पण में विश्वास रखने वाले डॉ. मिश्रा को 2020 में सरकार द्वारा गठित श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में भी शामिल किया गया था। वह अयोध्या में ट्रस्ट में शामिल होने वाले तीन लोगों में से थे। इनमें सबसे पहला नाम था अयोध्या के राजपरिवार के मुखिया बिमलेंद्र मोहन मिश्रा का इसके अलावा निर्मोही अखाड़े के महंत दिनेंद्र दास को भी ट्रस्ट में जगह दी गई है.
डॉ. अनिल मिश्रा का आरएसएस से पुराना नाता
![Anil Mishra Ram Mandir](https://4uhindime.com/wp-content/uploads/2024/01/20231122105012_anil.jpg)
अनिल मिश्रा अयोध्या- श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में शामिल डॉ. अनिल मिश्रा का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से पुराना नाता है। वह मूल रूप से अंबेडकरनगर के पतोना गांव के रहने वाले है। उनकी प्रारंभिक शिक्षा जयहिंद इंटर कॉलेज, जौनपुर में हुई। इसके बाद डॉ. अनिल होम्योपैथी की पढ़ाई के लिए फैजाबाद आ गये। इधर, जब होम्योपैथी और एलोपैथी को समान अधिकार देने की लड़ाई शुरू हुई तो डॉ. अनिल मिश्रा ने इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस आन्दोलन में वे जेल भी गये।
डॉ. अनिल मिश्रा संघ से ऐसे जुड़ें
जेल में रहने के दौरान ही डॉ. अनिल मिश्रा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रताप नारायण मिश्र और रमाशंकर उपाध्याय के संपर्क में आये। उनसे प्रेरित होकर वह संघ में शामिल हो गए और खुद को देश सेवा के लिए समर्पित कर दिया। 1981 में जब उन्होंने अपनी होम्योपैथी की पढ़ाई पूरी की, तब तक डॉ. मिश्रा एक सक्रिय संघ कार्यकर्ता बन चुके थे। वे एक कार्यकर्ता के रूप में सक्रिय रहे। इसका पुरस्कार उन्हें दिया गया और संघ का जिला संपर्क प्रमुख नियुक्त किया गया। वह एक चिकित्सा अधिकारी के रूप में सरकार की सेवा भी करेंगे और लगभग 20 साल पहले जब अवध प्रांत का गठन हुआ था, तो उन्हें संघ की मदद करने की जिम्मेदारी भी दी गई थी।
ट्रस्ट में डॉ. अनिल मिश्रा को फरवरी 2020 में मिली जगह
2005 में डॉ. अनिल मिश्र को प्रांतीय प्रशासक नियुक्त किया गया। वे लगातार सक्रिय रहे। गोंडा जिला होम्योपैथिक अधिकारी के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद उन्होंने स्वयं को पूरी तरह से संघ और राम की सेवा में समर्पित कर दिया। इसका इनाम उन्हें 5 फरवरी 2020 को मिला जब श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन हुआ। इस ट्रस्ट में देशभर से चुने गए 15 लोगों को शामिल किया गया था. अयोध्या में ट्रस्ट के लिए सिर्फ तीन लोग चुने गए. इनमें डॉ अनिल मिश्रा भी शामिल थे.
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