Periods: कभी कभी समय पर पीरियड शुरू न होने का सबसे आम कारण गर्भावस्था(प्रेगनेंसी) माना जाता है। जबकि यैसा नही होता है और भी अलग अलग कारणों से Periods देरी से आते है या मिस होते हैं।अनहेल्दी और व्यस्त लाइफस्टाइल में और कुछ भी वजहों से पीरियड में देरी हो सकती है।
यदि पीरियड शुरू होने में देरी होती है, तो ज्यादातर लोगो के दिमाग में प्रेगनेंसी को लेके सवाल आ जाते है लेकीन,वजन में बहुत अधिक बदलाव, हार्मोनल अनियमितताएं और मेनोपॉज की तरफ बढ़ता साइकल भी इसके कारणों में से एक वजह हो सकता है। यदि एक या दो महीने से अधिक पीरियड में देरी की समस्या आरी है, तो यह एमेनोरिया की समस्या हो सकती है और यह समस्या लगातार हो रही है, तो गायनेकोलोजिस्ट से मिलना जरूरी है। फिलहाल एक एक्सपर्ट से जानते हैं कि किन किन कारणों से Periods में देरी हो सकती है।
कब तक चिंता की वजह नहीं–
जिस दिन Periods शुरू होता है उस से लेकर अगली Periods के पहले दिन तक को एक पीरियड साइकल माना जाता है। सामान्य पीरियड साइकल लगभग 28 दिनों का होता है। परंतु एक सामान्य चक्रदेखा जाएं तो 38 दिनों तक का भी हो सकता है। और यदि आपकी पीरियड साइकल इससे अधिक लंबा है या सामान्य से अधिक लंबा है, तो फिर इसे पीरियड में देरी Periods Delay माना जाता है।
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Periods में देरी होने के कारण–
Thyroid में गड़बड़ी (Thyroid Disorder for Periods Delay)थायराइड पीरियड साइकल को नियंत्रित करने में मदद करता है। बहुत अधिक या बहुत कम थायराइड हार्मोन पीरियड साइकल को बहुत हल्का, भारी या अनियमित बना सकता है। जिस कारण थायराइड डिजीज के कारण मासिक धर्म मे कई महीनों या उससे अधिक समय तक रुक सकते हैं, यही स्थिति को एमेनोरिया कहा जाता है।
हाई प्रोलैक्टिन लेवल–
ब्रेन के पिटउइटेरी ग्लैंड से सीक्रेट होता है और प्रोलैक्टिन हॉर्मोन, प्रोलैक्टिन हार्मोन स्तनपान, जिस से ब्रेस्ट टिश्यू के विकास और दूध उत्पादन के लिए जिम्मेदार होते हैं। और ब्लड में प्रोलैक्टिन का सामान्य से अधिक स्तर Periods में देरी कर सकता है। 50-100 एनजी/एमएल के बीच हाई प्रोलैक्टिन लेवल अनियमित अनियमित पीरियड और इनफर्टिलिटी के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। कुछ मेडिसिन, इन्फेक्शन या फीर स्ट्रेस–टेनशन भी प्रोलैक्टिन हॉर्मोन के सीक्रेशन को बढ़ावा देता है।
हीमोग्लोबिन का लो लेवल–
हीमोग्लोबिन का लो लेवल एंडोमीट्रियल ग्रोथ को प्रभावित करता है। इससे Periods शुरू होने में देरी हो जाती है। लो हीमोग्लोबिन के कारण शरीर में आयरन कम हो जाता है, और जो पीरियड्स को प्रभावित कर देता है। इसके कारण एनीमिया की प्रॉब्लम हो जाता है, जो Periods Cycle में देरी या का कारण बन सकता है। और अगर लगातार दो से अधिक पीरियड साइकिल में देरी का अनुभव हो रहा है, तो समस्या को समझने के लिए डॉक्टर से बात करना जरूरी है।
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अत्यधिक मोटापा या पोषण की कमी–
अधिक मोटापा या फीर वजन मासिक धर्म चक्र को प्रभावित कर सकता है। अगर वजन अधिक है, तो शरीर अतिरिक्त मात्रा में एस्ट्रोजन का उत्पादन करने लग सकता है। यह महिलाओं में प्रजनन प्रणाली को नियंत्रित करने वाले हार्मोनों में से एक होता है। एस्ट्रोजन की अधिकता सीधे तौर पर पीरियड को प्रभावित कर सकती है। और उसे रोकने का कारण भी बन सकती है। पोषक तत्वों की कमी भी इसके लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। क्योंकि शरीर में बहुत अधिक बदलाव आने पर इस साइकल पर नेगेटिव इफेक्ट पड़ेगा।
फीवर और इन्फेक्शन–
किसी प्रकार का भी संक्रमण मासिक धर्म को सीधे तौर पर प्रभावित नहीं कर सकता है। परंतु इसके कारण होने वाला फीवर या UTIE के कारण Periods डिले हो सकता है, यूटीआई के कारण शरीर पर पड़ने वाला तनाव भी पीरियड को प्रभावित कर सकता है। साथ ही आपकी स्ट्रेसफुल ( टेंशन भरा) लाइफस्टाइल है, तो भी तनाव कोर्टिसोल प्रोडक्शन बढ़ा देते हैं। और जिस कारण Periods में देरी हो जाती है।
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