Bhagwan Shree Ram: जैसा की अभी अयोध्या ही नहीं पूरे देश में Bhagwan Shree Ram का नाम गूंज रहा है, इस खास मौके पर हम आपको भगवान राम के वनवास से जुड़ी एक कहानी बताने जा रहे हैं. जिससे यह स्पष्ट होता है कि माता कैकई (Mata Kaikeyi) ने भगवान राम के लिए चौदह वर्ष का वनवास क्यों मांगा था।
Bhagwan Shree Ram: रामायण में उस क्षण का विस्तृत वर्णन है जब माता कैकेयी ने भगवान राम के लिए चौदह वर्ष का वनवास मांगा था। दोस्तों आपके भी मन में कभी न कभी ये सवाल जरुर आया होगा की माता कैकेयी भगवान राम को अपने पुत्र भरत से भी अधिक प्रेम करती थीं, तो वह केवल मंथरा के कहने पर भगवान राम के लिए चौदह वर्ष का वनवास कैसे मांग सकती थीं?
![Bhagwan Shree Ram](https://4uhindime.com/wp-content/uploads/2024/01/1000237600.jpg)
रामायण की कहानी के अनुसार, Mata Kaikeyi ने अपने पुत्र को राजगद्दी दिलाने के लिए भगवान राम को चौदह वर्ष के वनवास में भेज दिया था। राजा दशरथ से भगवान राम के लिए वनवास मांगने के बाद माता कैकेयी पूरी दुनिया में घृणा का पात्र बन गईं। पौराणिक कथाओं के अनुसार ऐसा माना जाता है कि माता कैकेयी (Mata Kaikeyi) को पता था कि ऐसा करने के बाद वह पूरी दुनिया में घृणा का पात्र बन जाएंगी, हालांकि, कुछ विशेष कारणों से उन्होंने यह काम किया था।
माता कैकेयी ने रघुवंश की रक्षा के लिए यह निर्णय लिया
ऐसा माना जाता है कि माता कैकेयी (Mata Kaikeyi) ने राजा दशरथ यानी रघुवंश को बचाने के लिए भगवान राम के लिए चौदह वर्ष का वनवास मांगा था। इसका कारण यह था कि श्रवण कुमार की मृत्यु राजा दशरथ के हाथों हुई थी। श्रवण कुमार के पिता ने राजा दशरथ को श्राप दिया था कि जिस प्रकार वह पुत्र वियोग में मर रहे हैं, उसी प्रकार राजा दशरथ भी पुत्र वियोग में मरेंगे।
दरअसल, रानी कैकेयी राजा अश्वपति की पुत्री थीं और अश्वपति राजपुरोहित श्रवण कुमार के पिता रत्न ऋषि थे। रत्न ऋषि ने रानी कैकेयी से कहा था कि राजा दशरथ का कोई भी पुत्र राजगद्दी पर नहीं बैठ पाएगा। इसके अलावा, ज्योतिषीय गणना के अनुसार, उन्होंने कहा कि राजा दशरथ की मृत्यु के बाद, यदि कोई पुत्र चौदह वर्ष की आयु से पहले सिंहासन पर बैठता है, तो संपूर्ण रघुवंश नष्ट हो जाएगा। रघुवंश को विनाश से बचाने के लिए माता कैकेयी ने यह कठिन निर्णय लिया था जिसके कारण उनकी छवि सदैव एक बुरी माता के रूप में बनी रही।
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