Time Zone: आखिर क्यूँ होता है सभी देशो का टाइम झोन अलग, आसान भाषा में समझिये कैसे तय होता है दुनिया का ‘Time Zone’’

ASIYA SHEKH
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Time Zone

Time Zone: अगर आप 1 डिसंबर को दिन मे 1 बजे जापान से टोक्यो की फ्लाइट पकड़ेंगे. तो जब आप युएस के लॉस एंजेलिस मे पहुंचेंगे तब घड़ी का समय लगभग 10 घंटे पीछे हो जाएगा. दरअसल, लॉस एंजेलिस में उस टाइम 30 नवंबर के शाम 5 बज रहे होंगे. यह कोई जादू नहीं है. इसके पीछे की वजह है टाइम जोन का अंतर. आइए आज आसन भाषा मे जानते हैं कि टाइम जोन क्या है और क्यू दुनिया का कोई एक समय नही है ।

इंसानों को टाइम ट्रैवल का कॉन्सेप्ट बहुत आकर्षित करता है. आप लोगो जानकर हैरानी हो सकती है की टाइम ट्रैवल सिर्फ फिल्मी कहानियों तक सीमित नहीं है. बल्कि आप भी एक तरह से समय का कांटा आगे या पीछे की ओर कर सकते हैं. इसी तरह का फायदा उठाकर लोगों ने 2024 का स्वागत एक नहीं बल्कि दो बार किया था.

सभी देशो का Time Zone अलग क्यों है?

पहले के समय मे तो इतनी दिक्कत नहीं होती थी. लेकिन बाद में रेलगाड़ी चलने लगी. जिससे इंसान कुछी घंटों में एक कोने से दूसरे कोने में पहुंचने लगें. इसी वजह से लोगों में समय की व्याकुलता पैदा हो गई. यात्रियों की ट्रेने छूटने लगी और रेलवे भी ढंग से ट्रेनों को संभाल नहीं कर पा रहा था. उदाहरण के लिए कोई शख्स अगर सुबह 8 बजे अपने स्टेशन से निकलता है, तो 2 घंटे के सफर के बाद, वो इंसान जिस जगह पहुंचता है उस जगह का समय केवल सुबह 9 ही होता. इसकी वजह से काफी ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ता था ।

Time Zone
              Time Zone: Image Source – Social Media

Time Zone बनाय किसने ?

टाइम जोन बनाने का कार्य कनाडाई रेलवे के लिए एक इंजीनियर को दिया गया था। उनका नाम था सर सैनफोर्ड फ्लेमिंग. अलग-अलग टाइम की परेशानी की वजह से एक बार इनकी भी ट्रेन छूट गई थी. तब इनको Standard Time बनाने का विचार आया |

उन्होंने फिर सुझाव दिया कि दुनिया को 24 Time Zone में बांटा जाए. इन सब में 15° लॉन्गिट्यूड की बराबर की दूरी होती है. हर 15° लॉन्गिट्यूड की दूरी में एक घंटे का अंतर होता. मगर अब भी यह दिक्कत थी कि 24 Time Zone को बांटते समय मैप का मुख्य बिंदु किसे बनाया जाए. इसी को तय करने के लिए 1884 में अंतर्राष्ट्रीय प्राइम मेरिडियन सभा को बुलाया गया. इस सभा में ग्रीनविच, इंग्लैंड को प्राइम मेरिडियन चुना गया.

प्राइम मेरिडियन का मतलब मैप का मुख्य बिंदु. ग्रीनविच को रखा गया. इस हिसाब से जब हम पूर्व दिशा की ओर जाते हैं तो टाइम बढ़ता है. वहीं, जब ग्रीनविच से पश्चिम दिशा की ओर जाते हैं तो टाइम कम होता है. दुनिया के कई देशों ने ग्रीनविच को प्राइम मेरिडियन मानकर अपने देश की घड़ियों को सेट किया था.

Time Zone भारत का

भारत का सबसे पहला Time Zone ब्रिटिश राज में 1884 में लागू कर दिया गया था. आजादी से पहले भारत में तीन Time Zone होते थे- बॉम्बे, कलकत्ता और मद्रास. यानी कि अगर कोई मद्रास से बॉम्बे जाता था तो उसे दो बार अपनी घड़ी मे समय का बदलाव करना पड़ता था. टेक्निकली तो भारत का क्षेत्रफल दो जियोग्रोफ़िकल Time Zone में फैला हुआ है. मगर भारत में केवल एक टाइम जोन यानी इंडियन स्टैंडर्ड टाइम (IST) माना जाता है.

सन 1905 में मिर्ज़ापुर(82°33’पूर्व), उत्तरप्रदेश से गुजरने वाली रेखा को पूरे देश के लिए Standard Time बनाया गया. इसे लेकर ही 1947 में इंडियन स्टैंडर्ड टाइम की घोषणा कर दी. आपको बता दे कि, कलकत्ता टाइम जोन का इस्तेमाल 1948 तक किया जाता था और बॉम्बे टाइम जोन का इस्तेमाल 1955 तक किया जाता था.

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मैं ASIYA SHEKH 4 साल से मीडिया क्षेत्र से जुड़ी हुई हूं। मैं जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन में ग्रेजुएट हूं। लाइफस्टाइल, मनोरंजन और हेल्थ पर लिखना मेरी स्पेशलाइजेशन है। इसके अलावा मुझे पॉलिटिकल पर भी लिखना पसंद है। मैं फिलहाल 4u Hindi Me के लिए खबरें लिखती हूं। खबरें जो मैं लिखती हूँ वो अच्छी हों और रीडर्स को पढ़ने में अच्छा लगे, जो तथ्य हों वो सही हों, इसी पर मेरा पूरा जोर रहता है।
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