Saree Cancer: गलत तरीके से साड़ी पहनना महिलाओं के लिए खतरनाक, जाने साड़ी कैंसर क्या है? और कैसे होता है!

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साड़ी कैंसर क्या है? (What is Saree Cancer)

Saree Cancer: साड़ी सिर्फ एक पोशाक ही नहीं बल्कि भारतीय संस्कृति का अहम हिस्सा भी मानी जाती है। ऐसे में साड़ी के प्रति महिलाओं में एक अलग ही लगाव देखने को मिलता है। हालाँकि, हाल के वर्षों में इस पोशाक को लेकर कुछ अप्रिय खबरें सुनने को मिली हैं। दरअसल, हम बात कर रहे हैं साड़ी से होने वाले कैंसर की। हाल के वर्षों में ऐसे कई मामले देखे गए हैं जहां महिलाओं को लगातार साड़ी पहनने के कारण कैंसर जैसी घातक बीमारी का सामना करना पड़ा है।

गौरतलब है कि जहां लोग कैंसर का नाम सुनते ही डर जाते हैं वहीं कैंसर अपने आप में बहुत डरावना लगता है. ऐसे में इसके बारे में जागरूकता बहुत जरूरी है और हमारा लेख इसी दिशा में एक छोटा सा प्रयास है। इस लेख में हम अपने पाठकों को इस घातक समस्या (Saree Cancer) के बारे में सही जानकारी प्रदान करने का प्रयास करते हैं। आपको बता दें कि हमने इस बारे में महाराष्ट्र के शताब्दी अस्पताल के त्वचा और बाल विशेषज्ञ डॉ. विप्लव कांबले से बात की है और उनसे मिली जानकारी यहां आपके साथ साझा कर रहे हैं।

साड़ी पहनने से हुआ कैंसर-

साड़ी कैंसर क्या है? (What is Saree Cancer)
————— साड़ी कैंसर क्या है? (What is Saree Cancer)

कैंसर एक ऐसी खतरनाक बीमारी है जिसका नाम सुनते ही दिल में एक तरह का डर या घबराहट घर कर जाती है। लेकिन क्या इस बीमारी का किसी पहनावे या परिधान से कोई संबंध हो सकता है? सुनने में थोड़ा अजीब लगता है, लेकिन मुंबई के आरएन कूपर हॉस्पिटल में हुए एक शोध में कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है। दरअसल, इस अस्पताल में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें 68 साल की एक महिला को कैंसर हो गया। यह महिला पिछले कुछ सालों से साड़ी पहनती थी। ऐसे में इस कैंसर को Saree Cancer (Skin cancer) कहा गया है। अब ये जानना बेहद दिलचस्प है कि साड़ी पहनने का कैंसर से क्या संबंध है.

साड़ी कैंसर क्या है? (What is Saree Cancer)

डॉ. विप्लव कांबले बताते हैं कि दरअसल साड़ी कैंसर एक प्रकार का त्वचा कैंसर है जो लगातार गलत तरीके से साड़ी पहनने से हो सकता है। चिकित्सा जगत में इसे स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा के नाम से जाना जाता है। गौरतलब है कि स्क्वैमस कोशिकाएं एपिडर्मिस यानी त्वचा की बाहरी परत की मुख्य संरचनात्मक कोशिकाएं होती हैं, जिनके क्षतिग्रस्त होने से त्वचा कैंसर (Saree Cancer) का खतरा बढ़ जाता है।

महिलाओं को साड़ी कैंसर क्यों और कैसे होता है?

अब अगर हम बात करें कि साड़ी पहनने से कैंसर कैसे हो सकता है तो इसके जवाब में डॉ. विप्लव कांबले का कहना है कि साड़ी को लगातार एक ही जगह पर बांधने के दबाव या पेटीकोट की नाभि के कारण कमर पर घाव हो जाते हैं। अगर समय रहते इन घावों का ठीक से इलाज न किया जाए तो ये आगे चलकर Skin cancer (Saree Cancer) में बदल जाते हैं।

साड़ी कैंसर क्या है? (What is Saree Cancer)
—————– साड़ी कैंसर क्या है? (What is Saree Cancer)

देश के कई इलाकों में महिलाएं पूरे साल साड़ी पहनती हैं, चाहे गर्मी हो या बरसात। ऐसे में अक्सर महिलाएं रख-रखाव का ठीक से ध्यान नहीं रख पाती हैं और इस वजह से त्वचा संबंधी समस्याएं पैदा हो जाती हैं। खासतौर पर आलीशान या सिंथेटिक कपड़ों से बनी साड़ियां पहनने से अक्सर ऐसी त्वचा संबंधी समस्याएं हो जाती हैं। इसके अलावा कुछ महिलाएं अच्छा दिखने के लिए बहुत टाइट साड़ियां पहनती हैं, जिससे त्वचा पर निशान और घाव बन जाते हैं।

कांगड़ी कैंसर क्या है?

ध्यान देने वाली बात यह है कि सिर्फ साड़ी ही नहीं बल्कि टाइट जींस और अन्य कपड़ों से भी त्वचा कैंसर का खतरा हो सकता है। उदाहरण के लिए, ऐसा ही एक प्रकार का कैंसर कश्मीर में पाया जाता है और यह त्वचा कैंसर भी है और इसका मुख्य कारण यह है कि सर्दियों के दिनों में वहां के पुरुष और महिलाएं अपने कपड़ों के अंदर मिट्टी के बर्तन में आग की तरह आग के पास बैठते हैं, जो उन्हें गर्म रखता है। . हां, लेकिन पेट और जांघों को लगातार मिलने वाली गर्मी इस कैंसर का कारण बनती है।

कश्मीर में ठंड के दिनों में कांगड़ी को कपड़ों के नीचे रखने से भी कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। देखा जाए तो त्वचा पर किसी भी प्रकार का बाहरी आक्रमण या दबाव कैंसर का खतरा पैदा कर सकता है। इसलिए इसे रोकने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। जो की आपको इस आर्टिकल में निचे विस्तार से बताया गया है.

साड़ी कैंसर से कैसे बचें (How To Prevent Saree Cancer)?

  • साड़ी कैंसर से बचाव के लिए जरूरी है कि अपनी साड़ी को कभी भी ज्यादा टाइट न बांधें बल्कि अपनी सुविधा को ध्यान में रखते हुए ही बांधें।
  • यदि सूती पेटीकोट बांधने से आपकी कमर पर निशान पड़ जाता है तो आप स्कर्ट या अन्य प्रकार का पेटीकोट पहन सकती हैं। साथ ही पेटीकोट से जुड़ने वाली डोरी का भी ध्यान रखें ताकि उससे किसी प्रकार की घाव, चोट न लगे।
  • साड़ी के फैब्रिक का भी ध्यान रखें, लंबे समय तक टेरी साड़ी या सिंथेटिक फैब्रिक न पहनें। सूती और रेशमी साड़ियाँ आराम और सेहत के लिहाज से बेहतर होती हैं।
  • अगर साड़ी बांधने से आपकी कमर पर घाव बन जाए तो तुरंत किसी स्किन एक्सपर्ट से संपर्क करें। त्वचा विशेषज्ञ जांच के आधार पर समस्या की गंभीरता को समझ सकेंगे।
  • गर्मी और बरसात के मौसम में त्वचा पर होने वाले किसी भी तरह के रैशेज को हल्के में न लें। इन मौसम में त्वचा के रख-रखाव का अधिक से अधिक ख्याल रखें।
  • कैंसर से बचाव के लिए इन सावधानियों के साथ-साथ यह बहुत जरूरी है कि आपका आहार और जीवनशैली संतुलित हो। इसलिए कोशिश करें कि संतुलित और पौष्टिक आहार लें और नियमित दिनचर्या भी बनाए रखें।

हमें उम्मीद है कि आपको यह स्वास्थ्य संबंधी जानकारी उपयोगी लगेगी। अगर आपको यह जानकारी पसंद आई तो इसे अपने दोस्तों और परिचितों के साथ शेयर करना न भूलें।

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Disclaimer:- खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्टों पर आधारित है। किसी भी सुझाव पर अमल करने से पहले आपको संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरुर लेनी चाहिए।

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