प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को गगनयान अंतरिक्ष मिशन के चार अंतरिक्ष यात्रियों के नामों की घोषणा की। गगनयान मिशन में भाग लेने वाले सभी अंतरिक्ष यात्री वायुसेना में ग्रुप कैप्टन या विंग कमांडर के पद पर हैं। जिनके नाम हैं: ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर, ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन, ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप और विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला। इन सभी अंतरिक्ष यात्रियों को प्रधानमंत्री मोदी ने अंतरिक्ष यात्री विंग्स से सम्मानित किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गगनयान मिशन के अंतरिक्ष यात्रियों का परिचय कराते हुए कहा, ”ये सिर्फ चार नाम नहीं हैं, ये चार ‘शक्तियां’ हैं जो 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं को अंतरिक्ष में ले जाएंगी। 40 साल बाद अब कोई भारतीय अंतरिक्ष जा रहे है।” इससे पहले, राकेश शर्मा 1984 में अंतरिक्ष में गए थे। तो आइए जानते हैं कि इन चार अंतरिक्ष यात्रियों को गगनयान मिशन के लिए कैसे चुना गया था।
इन 4 अंतरिक्ष यात्रियों का चयन कैसा हुआ?
इस मिशन के लिए चुने गए सभी अंतरिक्ष यात्री भारतीय वायुसेना के टेस्ट पायलट हैं। 4 साल पहले उनका नाम फाइनल हुआ था. अंतरिक्ष यात्री चयन के लिए वायु सेना के सैकड़ों पायलटों का मूल्यांकन किया गया। इन पायलटों को क्लिनिकल और एयरोमेडिकल समेत कई परीक्षणों से गुजरना पड़ा। इन सभी लोगों में से 12 लोगों का चयन किया गया. इसके बाद, चयन प्रक्रिया के कई और दौर किए गए, जिसके बाद राष्ट्रीय क्रू चयन बोर्ड ने गगनयान मिशन के लिए इन चार उम्मीदवारों के नामों को अंतिम रूप दिया।
![Once again India is ready to create history, know how 4 astronauts of Gaganyaan mission were selected](https://4uhindime.com/wp-content/uploads/2024/02/1000257783.jpg)
जाने प्रशिक्षण कैसा चल रहा है?
आपको बता दे की गगनयान के इन चार यात्रियों की ट्रेनिंग 3 साल से चल रही है. शुरुआत में उन्हें 13 महीने की ट्रेनिंग के लिए रूस के गगारिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर भेजा गया था। वर्तमान में, वह बेंगलुरु में इसरो द्वारा निर्मित मानव अंतरिक्ष उड़ान केंद्र (एचएसएफसी) में प्रशिक्षण ले रहे हैं। भारतीय सुरक्षा बल अंतरिक्ष यात्रियों को प्रशिक्षण देने में भी मदद कर रहे।
पीएम मोदी ने तस्वीरें शेयर की
It was a very special moment for me to hand over wings to the four Indian astronaut-designates. They reflect the hopes, aspirations and optimism of 140 crore Indians.
India is proud of Group Captain Prasanth Balakrishnan Nair, Group Captain Ajit Krishnan, Group Captain Angad… pic.twitter.com/i0oseaxd4o
— Narendra Modi (@narendramodi) February 27, 2024
मिशन गगनयान क्या है और इसे कब लॉन्च किया जाएगा?
गगनयान मिशन में 3 भारतीयों को पृथ्वी से 400 किलोमीटर ऊपर की कक्षा में स्थापित किया जाएगा। यह वहां 3 दिनों तक रहेंगे. इसके बाद वे बंगाल की खाड़ी में सुरक्षित उतर जायेंगे. आपको बता दे दोस्तों की अगर भारत का यह गगनयान मिशन सफल रहा तो भारत दुनिया का चौथा देश बन जाएगा अंतरिक्ष में मानव मिशन भेजने वाला। जैसा की अब तक अंतरिक्ष में मानव मिशन भेजने वाले देश में केवल संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन और रूस ही यह उपलब्धि अपने नाम हासिल कर पाए हैं।
गगनयान भारत का पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन है। मिशन में अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि बनी हुई है। इन्हें अंतरिक्ष में भेजने से पहले अंतरिक्ष यात्री रोबोट “व्योममित्र” को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। अंतरिक्ष यात्री व्योममित्र को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह मॉड्यूल मापदंडों की निगरानी करने, चेतावनी जारी करने और जीवन समर्थन संचालन करने में सक्षम है। ये छह पैनल संचालित करने और सवालों के जवाब देने जैसे काम भी कर सकते हैं।
आपको बता दे दोस्तों की भारत में गगनयान मिशन पर बहोत तेजी से काम चल रहा है. पहली परीक्षण उड़ान पिछले साल अक्टूबर में की गई थी और जैसा की वो सफल भी रही थी। अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह कहे कि 2024 की तीसरी तिमाही में मानवरहित मिशन ‘व्योममित्र’ लॉन्च किया जाएगा। वहीं, भारत देश का पहला मानवयुक्त मिशन यानी की ‘गगनयान‘ को अगले साल यानी 2025 में लॉन्च किया जाएगा।