Tejashwi Yadav On Nitish Kumar: बिहार में मचे सियासी घमासान और नीतीश कुमार के पाला बदलने और बीजेपी के साथ जाने पर तेजस्वी यादव ने कहा है कि बिहार में हमने नई विकास नीति लेकर आए, हमने जो कहा वो किया, जो काम 17 साल में नहीं हुआ वो हमने 17 महीने में कर दिखाया।
बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पाला बदलने के बाद तेजस्वी यादव का पहला बयान सार्वजनिक हुआ. तेजस्वी यादव ने कहा कि ये काम उस मुख्यमंत्री ने किया जिसके बाद बिहार के लिए कोई विजन नहीं था. नीतीश कुमार को लेकर तेजस्वी यादव ने कहा कि खेल अभी तो शुरू हुआ है, अभी खेला नहीं हुआ है. हम न तो गुस्सा है और न ही नाराज़ हैं. खेल अभी शुरू हुआ है. अभी भी बहुत कुछ बाकी है. हम जो कहते है वो करते है, और जैसा की जनता हमारे साथ है.
तेजस्वी यादव ने कहा
तेजस्वी यादव ने कहा कि जिस सीएम के पास कोई विजन नहीं था, उन्होंने काम किया. हम बिहार के लिए नई विकास नीति लेकर आये. हमने जो कहा वो किया. जो काम 17 साल में नहीं हुआ वो हमने 17 महीने में कर दिखाया. इतने कम समय में हमने 2 लाख नियुक्ति पत्र पहुंचाए। आप लिखकर ले लीजिए कि 2024 में जेडीयू खत्म हो जाएगी. ये लोग कुछ भी करें, मुझे विश्वास है कि जनता हमारे साथ है और मेरा साथ देगी.
तेजस्वी ने कहा: हमें अपने काम का श्रेय क्यों नहीं लेना चाहिए?
वहीं, श्रेय लेने के मुद्दे पर तेजस्वी यादव ने कहा है कि हमें अपने काम का श्रेय क्यों नहीं लेना चाहिए? नीतीश कुमार ने सबसे पहले कहा था कि पैसा कहां से आएगा. मुख्यमंत्री जिसे असंभव कहते थे, हमने उन्हें संभव कहना सिखाया। हम बिहार में खेल की राजनीति लेकर आये. हमने खेल खेलने वालों को भी काम दिया और पढ़ने वालों को भी काम दिया। मात्र 70 दिनों में हमने दो लाख से ज्यादा नियुक्ति पत्र भेजे।
“नीतीश कुमार थके हुए मुख्यमंत्री हैं”
तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार को थका हुआ मुख्यमंत्री बताया और कहा कि उन्होंने काम किया. हम गठबंधन धर्म का बहुत संयम से पालन करते हैं.’ अब मैं भाजपा को शुभकामनाएं देता हूं।’ डिप्टी सीएम रहने के बाद राजद के लोगों ने इतना काम किया कि ये लोग पचा नहीं पाये. हम सब ने बड़ी ही उम्मीदों के साथ ये सरकार बनाई थी. इससे भारत के साथ गठबंधन पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा, हम पूरी तरह से मजबूत है.’
17 महीने में बिहार में ऐतिहासिक काम
17 महीने में बिहार में जो काम हुआ है, वह ऐतिहासिक है. बीजेपी और जेडीयू की सरकार 17 साल तक चली लेकिन इन 17 महीनों में जो काम हुआ वो पहले कभी नहीं हुआ. एक विभाग ने 70 दिन में 2 लाख से ज्यादा नियुक्ति पत्र भेजने का काम किया. कहीं न कहीं हमारे यहां उन लोगों ने बहुत काम किया है जो कहते थे कि ये लोग काम नहीं करते.