Bank Loan: आजकल ज्यादातर लोग लोन लेकर ही अपनी जरुरते पुरी करते हैं. लेकिन मान लीजिए कि आपने होम लोन (Home Loan) तो ले लिया पर आपके सामने कोई ऐसी परिस्थिति आ गई कि आप लोन की किस्त (EMI) नहीं चुका पा रहे हैं तो ऐसे में आपको क्या-क्या नुकसान हो सकता है, क्या आपको इस बात का कोई अंदाजा भी है? अगर नहीं, तो चलिए बताते है ।
आज कल के समय में महंगाई इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि आप कोई भी काम करने जाते हैं तो आपको अच्छी खासी रकम की जरूरत पड़ती है. इन परिस्थितियों के बीच मिडिल क्लास के लोगों के लिए सबकुछ अपनी कम कमाई से कर पाना आसान नहीं होता. जैसे कि मकान, गाड़ी जैसी तमाम जरूरते पुरी करने के लिए वह बैंक से लोन लेते हैं. लोन से उनका काम भी हो जाता है और हर महीने ब्याज समेत उनकी किस्त उनके अकाउंट से डेबिट (Debit) होती जाती है. लेकिन मान लीजिए कि आपने होम लोन तो ले लिया और आपके सामने कोई ऐसी स्थिति आ गई कि आप लोन की किस्त (EMI) नहीं चुका पा रहे हैं तो ऐसे में आपका क्या-क्या भारी नुकसान हो सकता है,क्या आपको इस बात का कोई ज़रा भी अंदाजा है? नहीं, तो बताते है आपको ।
![बैंक से लोन तो ले लिया](https://4uhindime.com/wp-content/uploads/2024/01/90c888bd98211673d5c6c7b180c3c602.jpg)
बैंक आपको सबसे पहले रिमाइंड भेजता है :
अगर आप बैंक को लोन की दो (EMI) नहीं देते हैं, तो बैंक पहले आपको रिमाइंडर भेजता है. अगर आप अपने होम लोन की लगातार तीन किस्तें नही चुका देते हैं, तो बैंक आपको लोन चुकाने के लिए एक कानूनी नोटिस आपके पते पर भेजता है. मगर चेतावनी देने के बाद भी अगर आपने इमआई (EMI) पूरी नहीं कर पाए तो बैंक की तरफ से आपको डिफॉल्टर घोषित कर दिया जाएगा.
आपके क्रेडिट स्कोर (Credit Score) पर पड़ सकता है असर:-
अगर आप समय से लोन नहीं चुका पा रहे हैं तो इसका असर आपके क्रेडिट स्कोर (Cresdit Score) पर भी पड़ता है और आपका रिकॉर्ड खराब हो जाएगा. क्रेडिट स्कोर (Credit Score) के उपर ही तमाम बैंक ये निर्णय लेती हैं कि इस व्यक्ति को लोन देना चाहिए या नहीं और कितने प्रतिशत ब्याज (Interest) दर पर लोन देना चाहिए. अगर लोन न चुकाने के कारण आपका क्रेडिट स्कोर कम हो गया, तो भविष्य में आपको आसानी से लोन नहीं मिल पाएगा. अगर किसी भी तरह के जुगाड़ से आपने लोन ले भी लिया तो आपको सख्त नियमों और शर्तों के साथ ज्यादा प्रतिशत के ब्याज दरों पर लोन मिल पाएगा.
आपकी संपति खतरे मे भी आ सकती है:-
जब भी आप होम लोन या फिर कोई और भी सिक्योर्ड (Secured) लोन लेते हैं तो बैंक उसके बदले आपको आपकी प्रॉपर्टी को गिरवी रखवाता है. होम लोन में अधिकतर बैंक उसी प्रॉपर्टी के कागज बैंक में जमा कर सकते हैं, जिसको खरीदने के लिए वो लोन लेते हैं. जब तक लोन की भरपाई नहीं होती है, तब तक आपकी प्रॉपर्टी के कागज बैंक के पास ही रहेंगे. अगर कोई व्यक्ति लोन न चुका सका तो बैंक को ये अधिकार होता है कि उसकी प्रॉपर्टी को बेचकर लोन की भरपाई करे. ऐसे में आपकी गिरवी रखी संपत्ति खतरे में भी आ जाएगी. बैंक आपकी गिरवी रखी प्रॉपर्टी पर कब्जा भी कर सकता है. ये बैंक का अधिकार होता है.
बाकी आख़री विकल्पल होता है नीलामी:-
बैंक की तरफ से लोन लेने वाले को लोन चुकाने के लिए काफी समय भी दिया जाता है. लेकिन अगर लोन लेने वाला व्यक्ति फिर भी कर्ज नहीं चुका पाएगा है, तो बैंक उसे रिमाइंडर (Reminder) और नोटिस भी भेजता है. इसके बाद भी अगर लोन लेने वाला व्यक्ति लोन का भुगतान नहीं करता है, तो तब बैंक उसकी प्रॉपर्टी को अपने कब्जे में लेती है और इसके बाद बैंक प्रॉपर्टी को नीलाम करती है. यानी लोन चुकाने के लिए बैंक व्यक्ति को कई मौके भी देता है, फिर भी न चुकाने पर प्रॉपर्टी की नीलामी करके लोन की रकम की भरपाई की जाती है.
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