गांधी मैदान पटना में सीरियल बम ब्लास्ट: जब नरेंद्र मोदी की रैली में बम फटने वाले थे, जाने पटना मैदान में भीड़ को कैसे नियंत्रित किया गया?

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Serial bomb blast in Gandhi Maidan, Patna during Narendra Modi's rally

गांधी मैदान पटना में सीरियल बम ब्लास्ट: ये बात है 27 अक्टूबर 2013 का जब पटना के गांधी मैदान में एक रैली आयोजित की गई थी. मंच पर लोग भाषण दे रहे थे, लेकिन वही भीड़ के पीछे से धुआं और पटाखों जैसी आवाजे आई, लेकिन लोग तुरंत इसे समझ नहीं पाए। लोगों को नियंत्रित करने के लिए मंच पर मौजूद नेताओं ने कहा कि लोग जश्न मनाने के लिए पटाखा फोड़ रहे हैं, लेकिन ऐसा नहीं था. वह पटाखे नहीं बल्कि बमों की आवाज थी, उस दिन पटना में लगातार बम फूट रहे थे और इन्हीं बमों की आवाज के बीच तत्कालीन प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने उस रैली को संबोधित किया था.

उन लोकसभा चुनावों में नरेंद्र मोदी की दीवानगी चरम पर थी, लोग उन्हें सुनना चाहते थे. ऐसे में सुबह 10 बजे से ही गांधी मैदान भरना शुरू हो गया था, लेकिन किसी को ये नहीं पता था कि आगे वहां क्या होने वाला है. गांधी मैदान में जब भीड़ पहुंचने लगी तो मंच से कोई न कोई नेता भाषण दे रहा था, नरेंद्र मोदी के आने में अभी वक्त था. लेकिन उसी वक्त पटना रेलवे स्टेशन पर एक विस्फोट हुआ, जो गलती से हुआ था. उस वक्त बिहार के सीईओ रहे अभयानंद ने एक इंटरव्यू में इस बारे में विस्तार से बताया था.

बता दे की आतंकवादी रेलवे स्टेशन पर दो शौचालयों में बम रख रहे थे, जब वे बम का समय निर्धारित कर रहे थे तो उनमें से एक बम फट गया। ये गलती आतंकियों की प्लानिंग पर भारी पड़ गई क्योंकि इस गलती के वजह से उनका प्लान फेल हो गया था. एक आतंकी वहीं घायल हो गया, दूसरा बाहर पकड़ा गया. लेकिन यह उस दिन बम धमाकों की शुरुआत थी, क्योंकि इसके बाद पूरे दिन में कुल 8 धमाके हुए, जिनमें से 5 गांधी मैदान के अंदर थे.

गांधी मैदान में जब हुंकार रैली शुरू हुई थी तब सीरियल बम ब्लास्ट हुआ था. हालांकि, बीजेपी नेताओं ने मंच चालू रखा और भगदड़ से बचने के लिए आम लोगों से दिवाली के पटाखे फोड़ते हुए कहा गया. तब मंच पर थे बीजेपी के शाहनवाज हुसैन. न्यूज चैनलों ने दिखाया कि किस तरह प्रदर्शन से धुआं निकल रहा था और लोग किस तरह हंगामा कर रहे थे. लेकिन इन सबके बावजूद प्रदर्शन नहीं रुका क्योंकि गांधी मैदान इतना बड़ा था कि सामने वालों को पता ही नहीं चल सका कि पीछे क्या हो रहा है.

नरेंद्र मोदी ने उस रैली में दोपहर 1:30 से 2:00 बजे के बीच भाषण दिया. यह उनके सामान्य भाषणों से छोटा था, लेकिन जिस माहौल में यह दिया गया वह बहुत महत्वपूर्ण था। प्रदर्शन के बाद गांधी मैदान में विस्फोट भी हुआ; नरेंद्र मोदी के भाषण से पहले ही मैदान के अलग-अलग हिस्सों में धमाके हुए थे. इस धमाके को लेकर काफी राजनीति भी हुई थी, क्योंकि उस वक्त मोदी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार थे. केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी और नीतीश कुमार राज्य के मुख्यमंत्री थे; उस वक्त नीतीश ने बीजेपी छोड़ दी थी.

इस विस्फोट की पूरी जिम्मेदारी इंडियन मुजाहिदीन ने ली और कई आतंकियों को गिरफ्तार कर लिया गया. एनआईए कोर्ट ने इस मामले में साल 2021 में अपना फैसला सुनाया था, जब कुल 9 आतंकियों को दोषी ठहराया गया, जिनमें से चार को फांसी, दो को उम्रकैद और बाकी को भी दोषी ठहराया गया था. 2013 की वह हुंकार रैली बीजेपी की सबसे बड़ी और ऐतिहासिक रैली में से एक मानी जाती है, इस स्टोरी में उन्हीं से जुड़ी सारी बातें आपको बताई गई हैं.

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